#दोहा-

#दोहा-
◆समग्र विचार का सार एक दोहे में◆
[प्रणय प्रभात]
अद्वैत
पढ़ने, लिखने, बोलने, सुनने और समझने में एक कठिन शब्द, जिसे आद्यगुरु शंकराचार्य ने अस्तित्व दिया। एक आध्यात्मिक दर्शन और विचार के रूप में। इसी शब्द की गूढ़ता को सरल करने का छोटा सा प्रयास है, अकिंचन का यह दोहा।*
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-सम्पादक-
न्यूज़&व्यूज (मप्र)