शब्द -होली

शब्द -होली
करवट नयी बदल रहा, मौसम बारम्बार।
नयी ऊर्जा लाने को, आते हैं त्योहार।
आते हैं त्योहार, चलो मिल खेलें होली।
मिलजुल बांटे प्यार, सजे होंठों पर बोली।
सूने रहते आज, सभी गोकुल के पनघट।
ले समाज की ओट, बदलता है ये करवट।
** शगुफ्ता रहमान सोना