कभी बाप मां के, थी कदमों में जन्नत,

कभी बाप मां के, थी कदमों में जन्नत,
मगर आज वह भी बेगाने हुए हैं।
है घर घर में देखो लुगाई की चलती,
ससुर सास साले सुहाने हुए हैं।
कभी बाप मां के, थी कदमों में जन्नत,
मगर आज वह भी बेगाने हुए हैं।
है घर घर में देखो लुगाई की चलती,
ससुर सास साले सुहाने हुए हैं।