नारी तुम सर्वस्व हो
नारी तुम वीर प्रसूता, आदि शक्ति हो
तुम जग को जनने वाली ,उसकी पालनकर्ता हो
तुम सारे कष्टों को हरने वाली, प्रेम की सरिता हो
नारी तुम सर्वस्व हो, प्रिय तुम सर्वस्व हो
नारी तुम वीरांगना,कर्म शक्ति हो
लक्ष्मीबाई सा साध तलवार, अंतिम सांस तक लड़नेवाली
अहिल्या बाईं सा जन सेवक ,शासन करनेवाली
नारी तुम सर्वस्व हो, प्रिय तुम सर्वस्व हो
शकुंतला देवी सा बुद्धि की परिभाषा हो
पद्मिनी का जोहर हो, मीरा जैसी आशा हो
जो काल से भी लड़ जाए ,उस सती की स्वासा हो
नारी तुम सर्वस्व हो, प्रिय तुम सर्वस्व हो
जमीन से आसमान की उड़ान हो जिसकी , तुम वो कल्पना हो
अपनी हिम्मत से जिसने हिमालय पे तिरंगा लहरा दिया
देश रक्षा में जिसने अपना नामों – निशान मिटा दिया
नारी तुम सर्वस्व हो, प्रिय तुम सर्वस्व हो