कभी – कभी मै अतीत में खो जाती हूं

कभी – कभी मै अतीत में खो जाती हूं
याद आता है भविष्य जब आगे बढ़ जाती हूं,
कभी- कभी मै शून्य हो जाती हूं,
याद आती है मंजिल जब चैतन्य हो जाती हूं।
अनामिका तिवारी अन्नपूर्णा ✍️
कभी – कभी मै अतीत में खो जाती हूं
याद आता है भविष्य जब आगे बढ़ जाती हूं,
कभी- कभी मै शून्य हो जाती हूं,
याद आती है मंजिल जब चैतन्य हो जाती हूं।
अनामिका तिवारी अन्नपूर्णा ✍️