“मैंने अपनी अलग ही दुनिया बना रखी है…

“मैंने अपनी अलग ही दुनिया बना रखी है…
कभी किसी से मेरे करीब आने की भीख नहीं माँगी, ना ही किसी से कहा कि दूसरों को छोड़कर मुझे अज़ीज़ रखो!
Infact, मैं खुद ही अपनी कहानी से बाहर निकल जाता हूँ.
जहाँ मेरी जगह नहीं, वहाँ ठहरने की ज़रूरत नहीं!
मुझे मजबूरी में किसी का साथ नहीं चाहिए, और ना ही किसी को मेरे साथ रहने की मजबूरी होनी चाहिए!
जो दिल से जुड़े हैं, वही अपनी जगह बनाएँगे, बाकी लोग सिर्फ chapters की तरह होते हैं, आते हैं, अपना हिस्सा लिखते हैं और चले जाते हैं…!