भाषा

सुबह
जब पक्षी
घोसले से निकल चहचहाता है
तो एक उम्मीद से
मन भर उठता है
फिर खुला आकाश होगा
लहलहाती ज़मीन होगी
गीत संगीत होगा
हंसी होगी
यह पक्षी
कौन सी भाषा बोलता है
जो सीधे मन को छू जाती है ?
—- शशि महाजन
सुबह
जब पक्षी
घोसले से निकल चहचहाता है
तो एक उम्मीद से
मन भर उठता है
फिर खुला आकाश होगा
लहलहाती ज़मीन होगी
गीत संगीत होगा
हंसी होगी
यह पक्षी
कौन सी भाषा बोलता है
जो सीधे मन को छू जाती है ?
—- शशि महाजन