मकर संक्रांति

करते सूर्य प्रवेश है,मकर राशि में आन |
मानों पावन पर्व यह, मकर संक्रांति मान |(1)
खिचड़ी,पोंगल,लोहड़ी, अन्नकूट सब मान |
तिल के लड्डू जब बने, मकर संक्रांति जान |(2)
देव जगें संक्रांति में,उत्तरायण हो भान |
दान पुण्य का है दिवस,मकर संक्रांति स्नान |(3)
चावल होता चंद्र सम, उड़द दाल शनि देव |
हल्दी सम गुरुदेव हैं, हरा साग बुध एव |(4)
घी समान सूरज कहें,तिल गुड़ पाचक खोज |
मकर संक्रांति स्नान कर,रखते खिचड़ी भोज |(5)
उत्तरायण आरम्भ से,दिन होता है दीर्घ |
मात्रा बढ़े प्रकाश की , रातें हुई अदीर्घ |(6)
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव “प्रेम”