Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2025 · 1 min read

माँ नर्मदा जयंती

मना रहे जन मां नर्मदा जयंती पूरे भारत देश में
जन सैलाब उमड़ा दर्शन को रंग-बिरंगे वेश में
रेवा तट पर घाट घाट लगे विशाल मेले
भक्तों के चले आ रहे हैं देखो रेलम पेले
जगह जगह हैं लगे भक्तों के लिए भंडारा
सेवकों ने मां की सेवा में तन मन धन वारा
माँ नर्मदा का एक एक कंकर
वह है पवित्र महादेव शंकर
मां हम करते हैं आपके श्री चरण कमल को नमन
आप हम पापियों के पापों का करतीं शीघ्र शमन
मैकल सुता जग तारिणी पाप हारिणी मां
जनों की जीवन दायनी मोक्षदायनी माँ
मकर पर सवार आशिष देतीं अपार
भक्तों पर मां की अनुकंपा अपरंपार
घाट घाट पर हो रही मां की संध्या आरती
उत्साह उमंग उल्लास से गाते ओम् भारती

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्य प्रदेश

Language: Hindi
38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
View all

You may also like these posts

स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
Lokesh Sharma
ग़ज़ल-क्या समझते हैं !
ग़ज़ल-क्या समझते हैं !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दुनियादारी
दुनियादारी
श्रीकृष्ण शुक्ल
संक कॉस्ट ट्रैप और भारतीय छात्र: भ्रम और वास्तविकता
संक कॉस्ट ट्रैप और भारतीय छात्र: भ्रम और वास्तविकता
Bishwajeet Banerjee
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
VINOD CHAUHAN
बेबसी
बेबसी
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
हालातों में क्यूं हम
हालातों में क्यूं हम
Shinde Poonam
अभी तो कुछ बाकी है
अभी तो कुछ बाकी है
Meera Thakur
आईना
आईना
Arvina
मन में उठे जिज्ञासा तो
मन में उठे जिज्ञासा तो
Dr fauzia Naseem shad
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
कहने को आज महिला दिवस है
कहने को आज महिला दिवस है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत  का खौफ।
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत का खौफ।
अश्विनी (विप्र)
राह तुम्हारी देख रहे ना जाने कितने पहर गये
राह तुम्हारी देख रहे ना जाने कितने पहर गये
jyoti jwala
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परमसत्ता
परमसत्ता
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
दान और कोरोना काल
दान और कोरोना काल
Khajan Singh Nain
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
Neelam Sharma
दुःख
दुःख
Ruchi Sharma
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
समय बदल रहा है..
समय बदल रहा है..
ओनिका सेतिया 'अनु '
#मन्तव्य-
#मन्तव्य-
*प्रणय प्रभात*
शरीर
शरीर
Laxmi Narayan Gupta
कर दो वारे-न्यारे
कर दो वारे-न्यारे
संतोष बरमैया जय
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
रेवा राम बांधे
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
Ajit Kumar "Karn"
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
Shashi kala vyas
Loading...