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29 Jan 2025 · 1 min read

निराशा से जब आप भर जाआगे

निराशा से जब आप भर जाआगे
डर से भी फिर आप डर जाओगे
मूल्य दृष्टि में फिर अपना न होगा
मन से किसी के जो उतर जाओगे
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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