“मुश्किलें मंजिलों की सूचक हैं ll

“मुश्किलें मंजिलों की सूचक हैं ll
मुश्किलें मंजिलों की मूलक हैं ll
बहुत ज्यादा फर्क नहीं है दोनों में,
मुश्किलें व मंजिलें परस्पर पूरक हैं ll
आशाएं मर गई थी दिल में,
दिल में कुछ दिनों के सूतक हैं ll
जो भी हूँ मुश्किलों बदौलत हूँ,
मेरे लिए मुश्किलें ही पूजक हैं ll
जो राहें निगाहों को सुकुन दें,
वो राहें मंजिलों की रूपक हैं ll”