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25 Jan 2025 · 1 min read

ज़िन्दा होना ही काफ़ी नहीं

ज़िन्दा होना ही काफ़ी नहीं
ज़िन्दगी भी हो ज़िन्दगी की तरह
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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