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13 Feb 2024 · 1 min read

कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।

कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
मुहब्बत भी सियासत की तरह क्यूं हो गई है।

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