धर्म के चश्मा
तू धरमे के चशमा
उतार दअ साथी
आंख खोल दुनिया
निहार लअ साथी…
(१)
स्वर्ग-नर्क सगरी
धरतिए पर बा
मिलजुलके जीवन
गुजार लअ साथी…
(२)
कर्मकांड करके
कुछु ना मिली
अपना आदत के
सुधार लअ साथी…
(३)
काहे ई देसवा
गुलाम भईल
फूर्सत से मन में
विचार लअ साथी…
(४)
पोथिए के कारण
ऊंच-नीच फइलल
संविधान से भगिया
संवार लअ साथी…
(५)
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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