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19 Jan 2025 · 1 min read

अपनी डाली से मत बिछड़ना कभी

अपनी डाली से मत बिछड़ना कभी
बुजुर्गों की नेमत, न बिखरना कभी
पतझड़ के बिना, बसंत कुछ भी नहीं
बागवां के फूलों, न बिलखना कभी।।

सूर्यकांत

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