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31 Jul 2019 · 1 min read

तोहफे में बंदूक

पापा साल गिरह पर कुछ ना देना
मेरी मर्जी की चीज दिला देना

इक बंदूक दिला देना तोहफे में
दागूं गोली दुश्मन के सीने में

इस देश पे’ जो भी आंख उठाएगा
वह निशाने पर मेरे आ जाएगा

बाज न आएगा जो गद्दारी से
मारूंगा उसको बारी – बारी से

अब तो मन में हमने ये ठाना है
अपने भारत की शान बढ़ाना है

© अरशद रसूल

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