तेरे घर का आईना किसी रोज साफ तो कर

तेरे घर का आईना किसी रोज साफ तो कर
तेरे ख़ास होने का यह भ्रम आम हो जाएगा
तू न जाने क्यों पीठ के पीछे ही फुसफुसाता है
सामने बोल कभी मैं कैसा हु यह इल्म हो जाएगा।।
तेरे घर का आईना किसी रोज साफ तो कर
तेरे ख़ास होने का यह भ्रम आम हो जाएगा
तू न जाने क्यों पीठ के पीछे ही फुसफुसाता है
सामने बोल कभी मैं कैसा हु यह इल्म हो जाएगा।।