तोड़कर दीवार कठिनाईयों की
तोड़कर दीवार कठिनाईयों की
बस तुझको ही पाना है….
रास्ते में आए दरिया भी तो
हँस के लाँघ जाना है
त्याग कर सारे बंधनों को
तेरी ओर मन लगाना है
तुझमें समर्पित कर खुशियों को
दुःखो से पार पाना है…
अब और न इच्छा कहीं जाने की
बस ‘mppsc’ को ही जाना है
फिर तेरा एहसास कर
सपनों को सच बनाना है
कर्तव्य को सेवा मानकर
पितुमात का कष्ट मिटाना है
बस अब तुझको ही पाना है,तुझको ही पाना है…