जब जवानी में युवा और युवतियों को वासना की आग पूरे अंग अंग को
जब जवानी में युवा और युवतियों को वासना की आग पूरे अंग अंग को शोले की भांति भड़काने लगे तो ऐसी स्थिति में उनका लक्ष्य से भटकना लाज़िमी है।
विवेकानंद बनने के लिए आपके मस्तिष्क के केंद्र में विवेकानंद जैसी ही साधना और विचार की जरूरत है।
Rj Anand Prajapati