कटते पेड़

हर दिन देखो है पेड़ कटे
हर गाँव से देखो रोड़ सटे
कह रहे कि उन्नति हो रही
हर तरफ बीमारी बो रही
उठती वो धुएँ की लहरें
देते वो जंगल के पहरे
उनकी ही पहरेदारी में
देखो जंगल हर रोज कटे
हर गाँव से………………..
हर रोज गर्मी बढ़ रही
धरा भी सूरज सी तप रही
कहीं बाढ़ में लोग बह रहे
कहीं सूखे से लोग तड़प रहे
जीवन तो पहाड़ों का अच्छा
लेकिन वो भी न रहा सच्चा
जंगल की चौकीदारी में
देखो कितने है लोग डटे
हर गाँव से देखो रोड़ सटे
हर दिन देखो है पेड़ कटे