#चार_लाइना-
#चार_लाइना-
■ असमानता के विरुद्ध।
[प्रणय प्रभात]
जब फूल दिए हमने, तब ख़ार मिले हम को।
सब यार भी आदत से, लाचार मिले हम को।।
दुनिया को मिले लड्डू, स्टील के डोंगों में,
शब्दों के बताशे भी, कुल चार मिले हम को।।
😢😊😢😊😢😊😢😊😢
#चार_लाइना-
■ असमानता के विरुद्ध।
[प्रणय प्रभात]
जब फूल दिए हमने, तब ख़ार मिले हम को।
सब यार भी आदत से, लाचार मिले हम को।।
दुनिया को मिले लड्डू, स्टील के डोंगों में,
शब्दों के बताशे भी, कुल चार मिले हम को।।
😢😊😢😊😢😊😢😊😢