“सुप्रभात”
“सुप्रभात”
न दब के रहो ,
न सहम के रहो ।
जिंदगी अपनी है दोस्तों ,
अपने में मदमस्त रहो।
………✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी
“सुप्रभात”
न दब के रहो ,
न सहम के रहो ।
जिंदगी अपनी है दोस्तों ,
अपने में मदमस्त रहो।
………✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी