बस अपनी बात मनवाने आती है।
ज़िंदगी में हर मोड़ मुहब्बत ही मुहब्बत है,
नयी कोपलें लगी झाँकने,पा धरती का प्यार ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
कर्मयोगी करें इसकी व्याख्या।
गीत- कोई एहसास दिल भरदे...
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
*आधुनिकता के नाम पर अपनेआप को दुनिया के समक्ष नंगा दिखाना भा
अगर आज मेरे पास भी शोहरत और पैसा होता तो हम भी आज हर किसी की
जिंदगी बेहया हो गई।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)