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17 Feb 2024 · 1 min read

मानसिक विस्फोट

कभी-कभी मस्तिष्क के आसपास असंख्य प्रसंग घटनाएं और
असीमित कल्पनाएं
कई स्थितिया विविध विसंगतियां
कहीं दुर्गति कहीं थोथी प्रगति
ये समूह में आकर तैरती रहती
सृजन की सक्रिय चेतना में
उनके इस सूक्ष्म अकल्पित भार से विस्फोट सा होता है मानस पटल पर सभी भाव विचार खंड खंड हो
विलीन हो जाते हैं
और रिक्त मन मस्तिष्क रह जाता है उनको पुनः ढूंढ कर लाने के लिए

@ओम प्रकाश मीना

Language: Hindi
115 Views
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