कितना आसान है न बुद्ध बनना, अपनी दूधमुंही संतान को और सोती ह
संभालने को बहुत सी चीजें थीं मगर,
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
वह समझ लेती है मेरी अनकहीं बातो को।
तुझे देखा , तुझे चाहा , तु ही तो साथ हरदम है ,
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*धक्का-मुक्की हो रही, संसद का यों चित्र (कुंडलिया)*
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
"आंधी की तरह आना, तूफां की तरह जाना।
खिलजी, बाबर और गजनवी के बंसजों देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Healing is weird. Some days, you feel like you’re finally ok
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
वो जो करीब थे "क़रीब" आए कब..