ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
यह मेरा भारत , यह मेरा गौरव
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
मौत मंजिल है और जिंदगी है सफर
दोस्ती एक गुलाब की तरह हुआ करती है
Sentenced To A World Without You For All Time.
*तीर्थ शिक्षा के खोले ( कुंडलिया )
भूलना एक प्रक्रिया का नाम है!—मुझे नहीं आती।
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें तब बातें प्रतिक्रिया की ह
With how much intensity your heart must have said it?
जुगनू तेरी यादों की मैं रोशनी सी लाता हूं,
ज़िंदगी क्या है क्या नहीं पता क्या
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'