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14 Mar 2024 · 1 min read

नारी

कहीं मीरा बनी यह भक्ति का रसपान करती है
कहीं बन लक्ष्मी बाई वीरता का गान करती है
चली आई है कितने रूप धरते आज तक नारी
यही बन धाय पन्ना ममता भी कुर्बान करती है

डॉ अर्चना गुप्ता
14.03.2024

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