Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*प्रणय*
72 Followers
Follow
Report this post
10 Dec 2024 · 1 min read
संताप में
संताप में
संवेदना के
दो बोल ऐसे होते हैं
मेरे भाई!
जैसे ठिठुराती ठंड में
नरम-गरम रजाई।।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 27 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
शेखर सिंह
"फिर"
Dr. Kishan tandon kranti
जय जय भोलेनाथ की, जय जय शम्भूनाथ की
gurudeenverma198
बे फिकर होके मैं सो तो जाऊं
Shashank Mishra
कल टूटकर बिखर गई थी मैं,
Jyoti Roshni
इंतज़ार का मर्ज है संगीन
Chitra Bisht
#नेकी ही धनवान
Radheshyam Khatik
संस्कार
Kanchan verma
राम का राज्याभिषेक
Paras Nath Jha
पेंसिल बॉक्स
Indu Nandal
दोहे - नारी
sushil sarna
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पूनम का चांद हो
Kumar lalit
जीवन में आगे बढ़ना है
Ghanshyam Poddar
कोल्हू का बैल
Sudhir srivastava
मोबाइल ने छीनी रूबरू मुलाकातें
ओनिका सेतिया 'अनु '
अग्रसेन जी पर दोहे
Dr Archana Gupta
The Lonely Traveler
Manisha Manjari
*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Sahityapedia
Poonam Sharma
बुंदेली दोहा - परदिया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में
Er.Navaneet R Shandily
जरूरी हैं रिश्ते
Shutisha Rajput
वो चैन की नींद सो गए
Diwakar Mahto
कैनवास
Aman Kumar Holy
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
गंगा
MUSKAAN YADAV
3219.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राखी पावन त्यौहार
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बलात-कार!
अमित कुमार
Loading...