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22 Feb 2024 · 1 min read

हिंदी से स्वराष्ट्र की

हिंदी से स्वराष्ट्र की
चेतना तुम जगा दो ।।
हिम से हिंद का
विस्तार तुम कर दो ।।1।।

मानव में प्रेम का
प्रकाश तुम जगा दो ।।
बढ़ रही विकृति को
नाथ तुम हटा दो ।।2।।

राष्ट्र मूल हो सभी का
संकल्प तुम बंधा दो ।।
एक भाषा हो सभी की
जो सरल सहज विज्ञान हो ।।3।।

हिंदी से स्वराष्ट्र की
चेतना तुम जगा दो ।।

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