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6 Dec 2024 · 1 min read

*मुक्तक-*

#मुक्तक-
छोड़ी होती गुंजाइश।
[प्रणय प्रभात]
एक कड़ी तो जोड़ी होती,
पूरी आस न तोड़ी होती।
मिलने पर अच्छा सा लगता,
कुछ गुंजाइश छोड़ी होती।।”
👌👌👌👌👌👌👌👌👌

1 Like · 25 Views

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