Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2024 · 1 min read

दिल धड़कता है मेरा,

दिल धड़कता है मेरा,
महसूस होता ही नहीं।
-लक्ष्मी सिंह

1 Like · 98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

घर की मुर्गी बना दिया
घर की मुर्गी बना दिया
विजय कुमार अग्रवाल
4379.*पूर्णिका*
4379.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी नज़र
मेरी नज़र
कुमार अविनाश 'केसर'
जीवन भर यह पाप करूँगा
जीवन भर यह पाप करूँगा
Sanjay Narayan
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
Radha Bablu mishra
माँ
माँ
दीपक बवेजा सरल
बस उसके लिए ही जिंदा हूं
बस उसके लिए ही जिंदा हूं
शिव प्रताप लोधी
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर किला परिसर में योग कार्यक्रम*
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर किला परिसर में योग कार्यक्रम*
Ravi Prakash
#जंबूद्वीपे शीश पे आसन
#जंबूद्वीपे शीश पे आसन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
राजदार
राजदार
लक्की सिंह चौहान
बेकद्रों की सोहबत से
बेकद्रों की सोहबत से
Chitra Bisht
जिन्हें हम पसंद करते हैं
जिन्हें हम पसंद करते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
व्यवहारिक नहीं अब दुनियां व्यावसायिक हो गई है,सम्बंध उनसे ही
व्यवहारिक नहीं अब दुनियां व्यावसायिक हो गई है,सम्बंध उनसे ही
पूर्वार्थ
इश्क में तेरे
इश्क में तेरे
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
अंतिम साँझ .....
अंतिम साँझ .....
sushil sarna
हसीं पल
हसीं पल
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
राह तके ये नैन
राह तके ये नैन
सुशील भारती
गुलशन फिर आबाद होगा ...
गुलशन फिर आबाद होगा ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
सत्य की ख़ोज़ पर दोहे
सत्य की ख़ोज़ पर दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
" कर्म "
Dr. Kishan tandon kranti
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
तुम आ न सके
तुम आ न सके
Ghanshyam Poddar
मेरी कविता के दर्पण में,
मेरी कविता के दर्पण में,
हिमांशु Kulshrestha
उसकी मर्जी
उसकी मर्जी
Satish Srijan
मैं पापा की परछाई हूं
मैं पापा की परछाई हूं
ज्योति
बुज़दिली की वजह जो बन जाए
बुज़दिली की वजह जो बन जाए
Dr fauzia Naseem shad
Loading...