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28 Nov 2024 · 1 min read

वक्त और शौर्य

वक्त और शौर्य

ऐ अनल, बरसाओ अंगार मुझ पर,
तनिक भी मत रहम कर मुझ पर
पर हे अग्निदेव,दे एक ऐसा चादर
जिसे ओढ़कर तनिक जल सकें न हम।

हे रुद्र, लाओ आँधियाँ और तूफान जी भर
रखो कोई कोर-कसर बाकी न मुझपर
पर हे वायुदेव, दो वह अटल शक्ति मुझको
जिसे जकड़ तनिक उखड़ सकें न हम।

हे इंद्र, बरसाओ जलधारा प्रचंड तू
रोको नहीं वेग अपना एक क्षण भी तू
पर हे गोवर्धनधारी, दो वह पर्वत मुझे भी
जिससे संकट की बारिस में भींग सकें न हम।

आकाश, तू भी अपनी सीमा तोड़ ही दे,
दुख के झंझावातों से जीवन हौंड ही दे ।
पर हे वरुण, दे साहस और विश्वास इतना
कि सितारों की तरह चमकना भूल सकें न हम।

हे वक्त, ले लो परीक्षा चाहे जितनी कठिन,
चीरकर अंधकार दिखाऊंगा सत्य एक दिन।
मत हंसना मुझ पर इतना निर्लज्ज होकर भी
कि तेरी ही नेकी को भूल बैठें कहीं न हम।

Language: Hindi
35 Views
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