Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
294 Followers
Follow
Report this post
18 Nov 2024 · 1 min read
” याद बनके “
” याद बनके ”
याद बनके हम तेरे दिल में महक जाएंगे,
बनके आँसू तेरी आँखों से छलक जाएंगे।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 49 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like these posts
करके जो गुनाहों को
Dr fauzia Naseem shad
अकड़ाई
उमेश बैरवा
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सत्य की खोज
Akshay patel
नहीं खुशियां नहीं गम यार होता।
सत्य कुमार प्रेमी
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
vivek saxena
"औरत"
Dr. Kishan tandon kranti
हर पल एक नया ख़्वाब दिखाती है ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मसला
निकेश कुमार ठाकुर
चूड़ियाँ
लक्ष्मी सिंह
संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अगर आपको सरकार के कार्य दिखाई नहीं दे रहे हैं तो हमसे सम्पर्
Anand Kumar
everyone run , live and associate life with perception that
पूर्वार्थ
नाहक को।
पंकज परिंदा
बेशक संघ ने काम अच्छा किया है, आगे भी करेगा।
Ajit Kumar "Karn"
ढोंगी बाबा से सदा,
sushil sarna
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
3775.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
शेखर सिंह
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
कृष्णकांत गुर्जर
राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियां और सम्भावनायें
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तू फिर से याद आने लगी मुझको।।
Vivek saswat Shukla
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
परिवार नियोजन
C S Santoshi
Success Story-1
Piyush Goel
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
मन का मिलन है रंगों का मेल
Ranjeet kumar patre
सुनहरे झील पर बुझते सूरज से पूछो।
Manisha Manjari
Loading...