हिन्दी दिवस मनाते हम
हिन्दी दिवस मनाते हम
केवल रस्म निभाते हम
हिन्दी दिवस मनाते हम
अंक हमारे रंक हुए
जिन्हें नहीं लिख पाते हम
कहें एक,दो,तीन नहीं
वन,टू,थ्री बस गाते हम
गया पहाड़ा भक्खर में
बस टेबल रटवाते हम
पिता ! पिताजी नहीं रहे
डैडी उन्हें बुलाते हम
माँ कहने में शर्म लगे
मम्मी कह सुख पाते हम
चाची ,मामी,मौसी को
आंटी में अँटकाते हम
हे अवधू क्यों अपनों के
साथ नहीं रह पाते हम
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर ९९१८८५४२८५
दिनांक-२१-०१-२०२५