কবিতা : করুণার আশে, রচয়িতা : সোহম দে প্রয়াস।
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
वर्तमान में बिहार में होने वाले शिक्षक स्थानांतरण की रूपरेखा
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए ह
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.!
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
क्यों न पहले अपने आप पर लिखूं
कहे जो तू सच वो ही फ़क़त है
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)