मंज़िल पाने के लिए जिंदगी का ज़हर भी घुंट बनाकर पीना पड़ता ह
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
जब किसी व्यक्ति का मन और रुचि किसी काम के प्रति एकाग्र नही ह
सभी को 2025 की हार्दिक बधाई और हार्दिक शुभकामनाऐं
रास्तों पर चलने वालों को ही,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सितारे अभी जगमगाने लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)