Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Shashi Mahajan
8 Followers
Follow
Report this post
29 Oct 2024 · 1 min read
विकल्प
बूंद
तेरे पास विकल्प इतना है
तुझे सागर की लहर
या फिर बादल बनना है ।
शशि महाजन – लेखिका
Language:
Hindi
Tag:
Https://youtu.be/qNqq386pSmU
,
कविता
Like
Share
43 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
क्यों न पहले अपने आप पर लिखूं
Anant Yadav
मनुष्य को विवेकशील प्राणी माना गया है,बावजूद इसके सभी दुर्गु
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कमी नहीं
Dr fauzia Naseem shad
आप की मुस्कुराहट ही आप की ताकत हैं
शेखर सिंह
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
पीड़ा का अनुवाद
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रुतबा तेरा आदमी
RAMESH SHARMA
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
Where is true love
Dr. Kishan Karigar
ये विज्ञान हमारी शान
Anil Kumar Mishra
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
Sanjay ' शून्य'
मैं मैं नहिंन ...हम हम कहिंन
Laxmi Narayan Gupta
2958.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
Dr MusafiR BaithA
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
Raju Gajbhiye
रुके ज़माना अगर यहां तो सच छुपना होगा।
Phool gufran
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
*प्रणय*
मुझे इश्क है तुझसे ये किसी से छुपा नहीं
Jyoti Roshni
"मैं नारी हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी के मर्म
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
यूँ ही ज़िंदगी के पन्ने पलटते पलटते कुछ यादों से मुलाक़ात हो
पूर्वार्थ
सवैया
Rambali Mishra
दायित्व
TAMANNA BILASPURI
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
" वतन "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Loading...