सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
ताबीर जिसकी कोई नहीं होती
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
हम कैसे जीवन जीते हैं यदि हम ये जानने में उत्सुक होंगे तभी ह
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
*होली के दिन घर गया, भालू के खरगोश (हास्य कुंडलिया)*
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)