शीशा दिल

शीशा दिल
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महफिल और है बहुत हमारे लिए
यहाँ तो अपनों में अपना नाम नहीं
पत्थर दिल वालों की महफिल में
शीशा दिल का काम नहीं
कहते रहे पीठ के पीछे हमें बुरा दुनिया वाले
सामने आये तो हम बताये कौन यहाँ बदनाम नहीं
..
कब नहीं आते वो यादों में कब नहीं होती उनकी बात
ऐसी तो कोई सुबह नहीं है ऐसी तो कोई शाम नहीं
: वेसे तो शीशै का दिल है पर पत्थर का जिगर भी रखते है हम
हम जेसे लोग नहीं बिकते है कोई हमारा दाम नहीं…………ShabinaZ