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22 Oct 2024 · 1 min read

हर किसी पे भरोसा न कर ,

हर किसी पे भरोसा न कर ,
आंँख बंद करके ।
यहांँ लोग भरोसा तोड़ जाते है ,
अंँधा समझ के।
………….✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी

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