निंदक सज्जन को करें ,एक मात्र बदनाम ।
ग़ज़ल _ सयासत की हवेली पर ।
बहुत खूबसूरत है मोहब्बत ,
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इक उल्लू ही बहुत है, बर्बादी को बाग।
रामपुर की होली 2025 (संस्मरण)
यदि भविष्य की चिंता है तो वर्तमान को सुधार लो
एगो गदहा से आके लड़ि गइल कहीं के पीला
आओ कुछ दिल की बातें करके हल्का हो लें।
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम