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14 Oct 2024 · 1 min read

तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय

तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
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न कुछ कह रहा हूं तुम्हारे लिए
मैं सब सह रहा हूं तुम्हारे लिए
तूने जो खींची वो हद लांघी नहीं
जद में ही रह रहा हूं तुम्हारे लिए

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