Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2024 · 2 min read

मैं हूँ भारतीय 🇮🇳

ना सिख, ना हिंदू, ना मुसलमान,
है मेरी पहचान, मैं हूँ भारतीय,
भारत से ही है मेरी पहचान।

भारत वो, जिसकी माटी लहू से सीची गई,
भारत वो, जिसने विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम की नीति दी।
भारत वो, विश्व गुरु जो रह चुका,
भारत वो, जहाँ वेदों का वृक्ष लगा।

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर,
रखना हिंदी है, हम हिंदी हैं हम हिंदुस्तान हमारा।
से लेकर , मज़हब ने ही है सिखाया आपस में बैर रखना,
मज़हबी हैं हम, मज़हबी हैं हम,
हमारे लिए सबसे पहले है मज़हब हमारा।
तक का दर्दनाक सफर तय कर चुका,
बहुत खेद से कहना पड़ता है अब, वो है मेरा भारत।

आजकल हाथ भरे हैं खून से जिनके,
वो शांति-अमन की बातें करते हैं।
मेरे देश में अक्सर अपराधी इंसाफ की मांग करते हैं।

कुछ लोग हैं मेरे देश में,
मेरे ही देश के वो सच्चे नागरिक कहलाते हैं।
सड़कों, गलियों, चौबारों में
इंसानियत के लिए लड़ते-लड़ते,
इंसानियत से ही लड़ जाते हैं।
रफ़ा के वक्त इंसाफ मांगकर वो इंसानियत दिखाते हैं,
मगर जब रियासी की बात आए, वो मौन हो जाते हैं।

मेरे देश में कुछ लोग हैं,
मेरे देश के वो सच्चे नागरिक कहलाते हैं।
सड़कों, गलियों, चौबारों पर,
“अल्लाहु अकबर” और “राम राम” चिल्लाते हैं।
उनके “अल्लाहु अकबर”
में अल्लाह का नाम-ओ-निशान नहीं,
उनके “राम राम” जापने में अब पहले सा आराम नहीं।

मेरे देश में कुछ लोग हैं,
जो मेरे देश के सच्चे नागरिक कहलाते हैं।
सड़कों, गलियों, चौबारों पर
इंसानियत की जगह हैवानियत फैलाते हैं।
अपने पड़ोसी, अपने मित्र, अपने परिवार से पहले,
वो अपने ज़मीर का क़त्ल करके आते हैं।

और इस सब में कमाल की बात ये है कि
हाथ भरे हैं खून से जिनके,
उनका इस में कुछ नहीं जाता।
मेरे देश में अक्सर अपराधियों को निर्दोष ठहराया जाता है।

यकीनन एक दिन ऐसा आएगा,
ये जो तिरंगा लहरा रहा है शान-ओ-शौकत से,
इस नील गगन में ये नहीं लहराएगा,
तुम्हारी तुच्छ हरकतों के कारण,
इसका भी सिर झुक जाएगा।
और जो बचाना है तुम्हें देश को अपने,
तो सोच, कलम, आवाज़ अपनी तुम्हें उठानी होगी।
कोई धर्म अपनाने से पहले
इंसानियत तुम सबको अपनानी होगी ।

कुछ पंक्तियाँ अब मैं उनके लिए कहना चाहूंगी,
जो मेरे देश को मिटाने के दिन-रात ख्वाब बुनते हैं।
लहू लहू है धरती इस देश की,
कुरुक्षेत्र सा युद्ध देखा है।
यहाँ के कोने-कोने ने
आज भी हर घर से एक सपूत खड़ा है,
अपनी साँसें इस देश को देने में।
और तुम कहते हो इस भारत का अस्तित्व तुम मिटाओगे,
चीन अबरू हमारे देश की,
हम ही पर हुकूमत चलाओगे।
मज़ाक अच्छा कर लेते हो,
हंसी-रतन हर दफ़ा तुम ही ले जाओगे।

यहाँ बहती हर धारा देवी समान है,
यहाँ के कंकड़-कंकड़ में महाकाल का नाम है।
ये धरती पूजनीय है,
यहाँ के कण-कण में बस्ती हर भारतीय की जान है।

❤️ सखी

275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरे भैया के लिए मेरे भाव सुमन
मेरे भैया के लिए मेरे भाव सुमन
Sudhir srivastava
कल्पित
कल्पित
Mamta Rani
जिंदगी एक पहेली
जिंदगी एक पहेली
Sunil Maheshwari
. मत देना पंख
. मत देना पंख
Shweta Soni
आँसू
आँसू
Shashi Mahajan
*मजदूर और उसकी कहानी *
*मजदूर और उसकी कहानी *
Priyank Upadhyay
मज़दूर दिवस विशेष
मज़दूर दिवस विशेष
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बढ़ता चल
बढ़ता चल
अनिल कुमार निश्छल
चार यार
चार यार
Bodhisatva kastooriya
..
..
*प्रणय प्रभात*
पड़ताल
पड़ताल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मैं विश्वास हूँ
मैं विश्वास हूँ
ललकार भारद्वाज
"इनाम"
Dr. Kishan tandon kranti
पंडिताइन (लघुकथा)
पंडिताइन (लघुकथा)
Indu Singh
चुनाव चालीसा
चुनाव चालीसा
विजय कुमार अग्रवाल
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
Rituraj shivem verma
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Ritu Asooja
जब  मालूम है  कि
जब मालूम है कि
Neelofar Khan
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
हीर और रांझा की हम तस्वीर सी बन जाएंगे
Monika Arora
धरती के आगे
धरती के आगे
Chitra Bisht
सच हार रहा है झूठ की लहर में
सच हार रहा है झूठ की लहर में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
Rj Anand Prajapati
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Dr.Priya Soni Khare
अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी  और कीमत भी आपक
अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी और कीमत भी आपक
Sanjay ' शून्य'
वर्तमान में बिहार में होने वाले शिक्षक स्थानांतरण की रूपरेखा
वर्तमान में बिहार में होने वाले शिक्षक स्थानांतरण की रूपरेखा
पंकज कुमार कर्ण
सुख दुख के साथी
सुख दुख के साथी
Annu Gurjar
दिखते नहीं तुम को जो
दिखते नहीं तुम को जो
Dr fauzia Naseem shad
Loading...