Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2024 · 1 min read

शिव जी

आओ शिव का पूजन कर लें।
जीवन में अपने सुख भर लें।।
शिव शंकर औघड़ दानी हैं।
हम सब मानव अज्ञानी हैं।।

श्रद्धा से जल अर्पित करिए।
नाम शंभु का जपते रहिए।।
जीवन ये खुशहाल बनेगा।
दुख का बंधन स्वयं मिटेगा।।

मस्तक शिव के चंद्र बिराजे।
कर में उनके डमरू साजे।।
भक्तों की देख भीड़ भारी।
लगता शिव से सबकी यारी।

हर हर बम बम गूँज रहा है।
समझो शिव का धाम वहाँ है।।
जलाभिषेकों की अब बारी।
रखिए अपनी सब तैयारी।।

आज मास सावन फिर आया।
भोले का श्री धाम सुहाया।।
जन गण सब शिव धाम चलेंगे।
भोले का अभिषेक करेंगे।
*******
सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
42 Views

You may also like these posts

सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
साथ छोड़ दिया....
साथ छोड़ दिया....
Jyoti Roshni
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुटिल बुद्धि की सोच
कुटिल बुद्धि की सोच
RAMESH SHARMA
4685.*पूर्णिका*
4685.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
Mahima shukla
मुझको तुम परियों की रानी लगती हो
मुझको तुम परियों की रानी लगती हो
Dr Archana Gupta
* क्यों इस कदर बदल गया सब कुछ*
* क्यों इस कदर बदल गया सब कुछ*
Vaishaligoel
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
अपूर्ण नींद एक नशे के समान है ।
अपूर्ण नींद एक नशे के समान है ।
Rj Anand Prajapati
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Madhu Shah
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
जिद बापू की
जिद बापू की
Ghanshyam Poddar
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
मां बेटी और बहन, महिलाओं का शश्क्तिकरण ।
Jaikrishan Uniyal
हकीकत को समझो।
हकीकत को समझो।
पूर्वार्थ
दोहा पंचक. . . . . पत्नी
दोहा पंचक. . . . . पत्नी
sushil sarna
चांदनी भी बहुत इतराती है
चांदनी भी बहुत इतराती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरा देश महान
मेरा देश महान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रेम
प्रेम
Kshma Urmila
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर मौसम भाता है मुझे,
हर मौसम भाता है मुझे,
ओसमणी साहू 'ओश'
वंदना
वंदना
पंकज परिंदा
बोलो जय सिया राम
बोलो जय सिया राम
उमा झा
जातिवाद का भूत
जातिवाद का भूत
मधुसूदन गौतम
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
Harminder Kaur
प्रार्थना- हमें दो ज्ञान प्रभु इतना...
प्रार्थना- हमें दो ज्ञान प्रभु इतना...
आर.एस. 'प्रीतम'
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
Loading...