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23 Dec 2024 · 1 min read

पा कर भी उदास थे, ख़ो कर भी उदास थे,

पा कर भी उदास थे, ख़ो कर भी उदास थे,

इश्क़ के वजूद पर जाने कितने लिबास थे।

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