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8 Aug 2024 · 1 min read

#ग़ज़ल-

#ग़ज़ल-
■ ग़लती नहीं उसूल लिखूंगा।।
【प्रणय प्रभात】

हर कांटे को फूल लिखूंगा।
मैं बस अपनी भूल लिखूंगा।।

झूठ दग़ा साज़िश धोखे को।
ग़लती नहीं उसूल लिखूंगा।।

मौत के परवाने पे दिल से।
सिर्फ़ क़ुबूल क़ुबूल लिखूंगा।।

तू अबीर बतलाना उसको।
मैं आंखों की धूल लिखूंगा।।

तू क्या समझा तेरी तरहा
मैं भी उल-जुलूल लिखूंगा??

इश्क़ इबादत दुनिया लिक्खे।
मैं बस उसे फ़िज़ूल लिखूंगा।।

तू मुझ को मग़रूर बताना।
मैं ख़ुद को मशगूल लिखूंगा।।

●सम्पादक●
न्यज़ & व्यूज़
श्योपुर (मप्र)

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