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3 Aug 2024 · 1 min read

सोरठौ

बोलें कूड़ करोड़, रिदै कपट रो मानवी।
नातौ उणसूं तोड़, जीते हमेस जीतिया।।

© जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया…✍️

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