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30 Jul 2024 · 1 min read

सशक्त रचनाएँ न किसी “लाइक” से धन्य होती हैं, न “कॉमेंट” से क

सशक्त रचनाएँ न किसी “लाइक” से धन्य होती हैं, न “कॉमेंट” से कृतार्थ। उनके साथ न्याय “समय” करता है, इंसान नहीं।

😊प्रणय प्रभात😊

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