Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

( सब कुछ बदलने की चाह में जब कुछ भी बदला ना जा सके , तब हाला

( सब कुछ बदलने की चाह में जब कुछ भी बदला ना जा सके , तब हालात शायद ऐसे होजाते हैं )

दिल में जाने क्यों हुई बेचैनी है
जैसे कोई भूली हुई बात कहनी है
आँख भी नम नहीं
अब रूखी सूखी पलकें हैं
गुम हुई वो सदी जिसमें
दो आँसू ढलके हैं
साँस भी गुम है और
घुटी घुटी सी तबीयत है
सुन्न पड़ा है बदन
ना जान है ना हरकत है
रुका हुआ सा लगता है
ज़िंदगी का यह मंजर
था कभी बाग सा
जो लग रहा है अब बंजर
तारीख़ भी याद नहीं
जब ये लब थे थर्राए
खामोशी इतनी कि
लफ़्ज़ों की आहट से हम घबराए
सुबहों में तपिश बड़ी है
और शामें शोलों में जली हैं.
किसको होगा यकीं कि
ज़िंदगी कभी फूलों में पली है
ज़ख्म इतने हैं कि
नहीं गिनती की कोई गुंजाइश है
हादसे दर हादसे हैं
वहशियत की नुमाइश है
फिर भी जिंदा है यह कहने को कि
ज़िंदा हैं हम
वरना सच मान सको तो मान लो
मुर्दा हैं हम
मुर्दा हैं हम

( सर्वाधिकार सुरक्षित स्वरचित अप्रकाशित मौलिक रचना – सीमा वर्मा

126 Views
Books from Seema Verma
View all

You may also like these posts

कनक मंजरी छंद
कनक मंजरी छंद
Rambali Mishra
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
कवि रमेशराज
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
अच्छों की संगति करिए
अच्छों की संगति करिए
अवध किशोर 'अवधू'
तू और में
तू और में
पूर्वार्थ
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
🙏🙏श्री गणेश वंदना🙏🙏
umesh mehra
“ भाषा की मृदुलता ”
“ भाषा की मृदुलता ”
DrLakshman Jha Parimal
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
Ravi Prakash
टूट कर भी
टूट कर भी
Dr fauzia Naseem shad
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"प्यार में तेरे "
Pushpraj Anant
सर्वोत्तम उपाय
सर्वोत्तम उपाय
Dr. Bharati Varma Bourai
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
" अकाल्पनिक मनोस्थिति "
Dr Meenu Poonia
वो अजनबी झोंका
वो अजनबी झोंका
Shyam Sundar Subramanian
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
gurudeenverma198
क्या आज हो रहा है?
क्या आज हो रहा है?
Jai Prakash Srivastav
वो जो कहें
वो जो कहें
shabina. Naaz
* प्यार के शब्द *
* प्यार के शब्द *
surenderpal vaidya
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Madhu Shah
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
Nakul Kumar
*शादी के पहले, शादी के बाद*
*शादी के पहले, शादी के बाद*
Dushyant Kumar
"मिजाज़-ए-ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
■ #ग़ज़ल / #कर_ले
■ #ग़ज़ल / #कर_ले
*प्रणय*
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
Loading...