हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
रोज जमकर बरसात होती हैं मेरी शिकायतों की।
छोटी कहानी - "पानी और आसमान"
लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पहले माता पिता को लगता था, की बेटियों के लिए लड़का सही मिल ज
"कोशिशो के भी सपने होते हैं"
कुछ देरियां अच्छी होती हैं, कभी-कभी, भगवान आपको धीमा कर देंग
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,