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22 Jul 2024 · 1 min read

आज का इन्सान हर *पहर* मर रहा है ।।

आज का इन्सान हर पहर मर रहा है ।।
कहने को सांसे आती जाती है’ ‘
लकिन शक्स खुदा के कहर से मर रहा है ।।

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